Board Exam Update: 10वीं और 12वीं परीक्षा में पैटर्न में 3 बड़े बदलाव छात्रों को मिली बड़ी ख़ुशख़बरी

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जो शैक्षणिक वर्ष 2024-25 से लागू होंगे। ये बदलाव छात्रों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकते हैं और उनके समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

परिचय

CBSE ने हाल ही में घोषणा की है कि 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं में तीन प्रमुख बदलाव किए जाएंगे। ये बदलाव छात्रों के तनाव को कम करने और उनकी समझ और अवधारणात्मक ज्ञान को बढ़ावा देने पर केंद्रित हैं। आइए इन बदलावों के बारे में विस्तार से जानें:

बदलावों का विवरण

विवरणजानकारी
लागू होने का वर्ष2024-25
प्रभावित कक्षाएँ10वीं और 12वीं
परीक्षा की आवृत्तिवर्ष में दो बार (2026 से)
पहली परीक्षानवंबर-दिसंबर 2024
दूसरी परीक्षाफरवरी-मार्च 2025
अंकन प्रणालीदोनों परीक्षाओं में से बेहतर स्कोर
कौशल-आधारित प्रश्नों का प्रतिशत50% (40% से बढ़ाकर)
निर्मित उत्तर प्रश्नों का प्रतिशत30% (40% से घटाकर)
बहुविकल्पीय प्रश्नों का प्रतिशत20% (अपरिवर्तित)

1. वर्ष में दो बार होगी बोर्ड परीक्षा

CBSE ने घोषणा की है कि 2024-25 से 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएँ वर्ष में दो बार आयोजित की जाएंगी, हालांकि 2025 में यह परीक्षा एक बार ही आयोजित की जाएगी और 2026 से दो बार आयोजित की जाएगी। यह एक महत्वपूर्ण बदलाव है जो छात्रों को कई तरह से लाभान्वित करेगा:

  • दो अवसर: छात्रों को अपने प्रदर्शन में सुधार करने के लिए दो मौके मिलेंगे।
  • तनाव में कमी: एक ही परीक्षा पर निर्भर न रहने से छात्रों का तनाव कम होगा।
  • बेहतर मूल्यांकन: दो परीक्षाओं से छात्रों की क्षमताओं का बेहतर मूल्यांकन हो सकेगा।
  • लचीलापन: छात्र अपनी सुविधा के अनुसार परीक्षा दे सकेंगे。

2. कौशल-आधारित प्रश्नों की संख्या में वृद्धि

नए परीक्षा पैटर्न में कौशल-आधारित प्रश्नों की संख्या बढ़ाई गई है:

  • 50% वेटेज: कौशल-आधारित प्रश्नों का वेटेज 40% से बढ़ाकर 50% कर दिया गया है।
  • प्रश्नों के प्रकार: इसमें बहुविकल्पीय प्रश्न, केस-आधारित प्रश्न और स्रोत-आधारित एकीकृत प्रश्न शामिल होंगे।
  • उद्देश्य: इससे छात्रों की तार्किक क्षमता और समस्या समाधान कौशल का विकास होगा।
  • व्यावहारिक ज्ञान: छात्र सैद्धांतिक ज्ञान को व्यावहारिक परिस्थितियों में लागू करना सीखेंगे।
  • आलोचनात्मक सोच: छात्रों को ऐसे प्रश्न मिलेंगे जो केवल तथ्यात्मक याद के बजाय आलोचनात्मक सोच और समस्या समाधान कौशल का मूल्यांकन करते हैं.

3. निर्मित उत्तर प्रश्नों में कमी

परंपरागत लघु और दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों की संख्या में कमी की गई है:

  • 30% वेटेज: निर्मित उत्तर प्रश्नों का वेटेज 40% से घटाकर 30% कर दिया गया है।
  • रटने की प्रवृत्ति में कमी: इससे छात्रों की रटने की प्रवृत्ति कम होगी।
  • समझ पर जोर: छात्रों को अवधारणाओं को समझने और उन्हें लागू करने पर ध्यान देना होगा।
  • लेखन कौशल: हालांकि, छात्रों के लेखन कौशल के विकास पर भी ध्यान दिया जाएगा.

पाठ्यक्रम में कटौती

CBSE ने सभी विषयों के पाठ्यक्रम में 15% की कटौती की है:

  • गहराई से समझने का मौका: इससे छात्रों को विषयों को गहराई से समझने और पढ़ाई में ज़्यादा रुचि लेने में मदद मिलेगी।
  • पढ़ाई का बोझ कम: CBSE का मानना है कि इससे बच्चों पर पढ़ाई का बोझ कम होगा और वे महत्वपूर्ण विषयों पर ध्यान दे पाएंगे.

आंतरिक मूल्यांकन में बदलाव

नए नियमों के अनुसार, आंतरिक मूल्यांकन के लिए 40% अंक निर्धारित किए जाएंगे, जबकि शेष 60% अंक अंतिम परीक्षा के लिए होंगे:

  • साल भर पढ़ने के लिए प्रोत्साहन: इससे बच्चों को साल भर पढ़ने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
  • प्रोजेक्ट, असाइनमेंट और टेस्ट: प्रोजेक्ट, असाइनमेंट और समय-समय पर होने वाले टेस्ट अब आंतरिक मूल्यांकन में शामिल होंगे.

ओपन बुक परीक्षा और डिजिटल जांच

CBSE ने ओपन बुक परीक्षा की शुरुआत करने का प्रस्ताव किया है:

  • अंग्रेजी साहित्य और सामाजिक विज्ञान: अंग्रेजी साहित्य और सामाजिक विज्ञान के विषयों के लिए ओपन बुक परीक्षा प्रारंभ की जाएगी।
  • सोचने और समझने की क्षमता: इस परीक्षा में छात्र अपनी किताबों का संदर्भ लेकर परीक्षा में भाग ले सकेंगे। इससे छात्रों की याददाश्त के बजाय उनकी सोचने और समझने की क्षमता का मूल्यांकन किया जाएगा.

निष्कर्ष

CBSE द्वारा किए गए ये बदलाव छात्रों के लिए बहुत ही लाभदायक हैं। ये बदलाव न केवल छात्रों के तनाव को कम करेंगे, बल्कि उनकी समझ और अवधारणात्मक ज्ञान को भी बढ़ावा देंगे। छात्रों को अपने प्रदर्शन में सुधार करने के लिए अधिक अवसर मिलेंगे और वे विषयों को गहराई से समझने में सक्षम होंगे।

महत्वपूर्ण बिंदु

  • दो बार परीक्षा: वर्ष में दो बार परीक्षा आयोजित की जाएगी।
  • कौशल-आधारित प्रश्न: 50% प्रश्न कौशल-आधारित होंगे।
  • निर्मित उत्तर प्रश्न: 30% प्रश्न निर्मित उत्तर प्रश्न होंगे।
  • पाठ्यक्रम में कटौती: 15% पाठ्यक्रम में कटौती की गई है।
  • आंतरिक मूल्यांकन: 40% अंक आंतरिक मूल्यांकन से और 60% अंक अंतिम परीक्षा से होंगे।
  • ओपन बुक परीक्षा: अंग्रेजी साहित्य और सामाजिक विज्ञान के लिए ओपन बुक परीक्षा शुरू की जाएगी।
  • डिजिटल जांच: उत्तर पत्रिकाओं की जांच डिजिटल माध्यम से की जाएगी。

Disclaimer

यह लेख CBSE द्वारा घोषित बदलावों के आधार पर तैयार किया गया है। यह जानकारी विभिन्न विश्वसनीय स्रोतों से प्राप्त की गई है, लेकिन इसकी पूर्ण सटीकता और अद्यतनता की गारंटी नहीं दी जा सकती। छात्रों और अभिभावकों को आधिकारिक CBSE वेबसाइट या अन्य विश्वसनीय स्रोतों से जानकारी प्राप्त करने की सलाह दी जाती है।

Author

  • Manish Kumar is a seasoned journalist and the Senior Editor at Mahavtc.in, with over a decade of experience in uncovering stories that matter. A leader both in the newsroom and beyond, he thrives on guiding his team to deliver impactful, thought-provoking content. When he’s not shaping headlines, you can find him sharing his insights on Twitter @humanish95 or connecting via email at [email protected].

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