बिहार सरकार ने रसीद से जुड़े नियमों में किया संशोधन, जानिए क्या हुआ नया? Bihar Jameen Raseed New Rule

Bihar Jameen Raseed New Rule: बिहार सरकार ने हाल ही में रसीद से जुड़े नियमों में महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं। इन संशोधनों का मुख्य उद्देश्य भूमि विवादों को कम करना और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को सरल बनाना है। नए नियमों के तहत, अब जमीन की खरीद-बिक्री के लिए जमाबंदी की आवश्यकता नहीं होगी। यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लिया गया है, जिसने पटना हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी।

इन नए नियमों से जमीन की खरीद-बिक्री की प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और फर्जीवाड़े की घटनाओं में कमी आएगी। साथ ही, रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया सरल होने से लोगों को समय और धन की बचत होगी। यह कदम राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और भूमि संबंधी विवादों को कम करने में मदद करेगा।

बिहार Land Registry नियम संशोधन: एक नजर में

विशेषताविवरण
नियम का नामबिहार ऑटोमेटिक दाखिल खारिज अधिनियम 2024
लागू तिथिसितंबर 2024
मुख्य उद्देश्यभूमि विवादों को कम करना
प्रक्रियास्वचालित दाखिल-खारिज
आवश्यक दस्तावेजरजिस्ट्री के समय
लाभपारदर्शिता और धोखाधड़ी में कमी
क्षेत्रपूरे बिहार राज्य में लागू
प्रभावित क्षेत्रजमीन की खरीद-बिक्री और रजिस्ट्रेशन

नए Land Registry नियमों का उद्देश्य

नए नियमों का मुख्य उद्देश्य भूमि विवादों को कम करना और धोखाधड़ी को रोकना है। इसके तहत, जमीन की रजिस्ट्री के समय ही दाखिल-खारिज की प्रक्रिया को स्वचालित कर दिया गया है। इससे लोगों को अलग से आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होगी। यह प्रक्रिया न केवल समय बचाएगी बल्कि भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को भी कम करेगी।

स्वचालित दाखिल-खारिज प्रक्रिया

नए नियमों के अनुसार, जमीन की रजिस्ट्री करवाने के समय ही एक फॉर्म भरना होगा। इस फॉर्म के माध्यम से म्यूटेशन के लिए आवश्यक जानकारी स्वचालित रूप से अंचल कार्यालय में जमा हो जाएगी। यह प्रक्रिया निम्नलिखित लाभ प्रदान करेगी:

  • समय की बचत: अलग से म्यूटेशन कराने की आवश्यकता नहीं
  • पारदर्शिता: डिजिटल रिकॉर्ड से गड़बड़ी की संभावना कम
  • त्वरित प्रक्रिया: म्यूटेशन एक सप्ताह से 10 दिन के भीतर पूरा होगा
  • कम भ्रष्टाचार: मैनुअल हस्तक्षेप कम होने से भ्रष्टाचार की संभावना घटेगी

जमाबंदी की अनिवार्यता समाप्त

नए नियमों के तहत, अब जमीन की खरीद-बिक्री के लिए जमाबंदी की आवश्यकता नहीं होगी। यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लिया गया है। इससे निम्नलिखित परिवर्तन होंगे:

  • जमीन लेन-देन में आसानी
  • रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में तेजी
  • अनावश्यक दस्तावेजीकरण में कमी
  • विवादों में कमी

रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में सुधार

नए नियमों के तहत रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में निम्नलिखित सुधार किए गए हैं:

  1. डिजिटल रिकॉर्ड: सभी दस्तावेज डिजिटल रूप में दर्ज होंगे
  2. त्वरित प्रसंस्करण: रजिस्ट्रेशन और म्यूटेशन एक ही समय में होगा
  3. कम मैनुअल हस्तक्षेप: अधिकांश प्रक्रिया स्वचालित होगी
  4. ऑनलाइन सत्यापन: दस्तावेजों का सत्यापन ऑनलाइन किया जाएगा

भूमि विवादों में कमी

नए नियमों से भूमि विवादों में कमी आने की उम्मीद है। इसके निम्नलिखित कारण हैं:

  • स्पष्ट रिकॉर्ड: डिजिटल रिकॉर्ड से भ्रम की स्थिति कम होगी
  • त्वरित निपटारा: विवादों का निपटारा जल्दी होगा
  • कम गलतियां: मैनुअल प्रविष्टियों में कमी से गलतियां कम होंगी
  • पारदर्शी प्रक्रिया: सभी लेन-देन पारदर्शी होंगे

राजस्व विभाग पर प्रभाव

नए नियमों का राजस्व विभाग पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा:

  • कार्यक्षमता में वृद्धि: प्रक्रियाओं के सरलीकरण से कार्यक्षमता बढ़ेगी
  • राजस्व में वृद्धि: रजिस्ट्रेशन में वृद्धि से राजस्व बढ़ेगा
  • कम मानव संसाधन: स्वचालित प्रक्रियाओं से कम कर्मचारियों की आवश्यकता होगी
  • बेहतर रिकॉर्ड प्रबंधन: डिजिटल रिकॉर्ड से प्रबंधन आसान होगा

नागरिकों के लिए लाभ

नए नियम नागरिकों को निम्नलिखित लाभ प्रदान करेंगे:

  • समय की बचत: कम चक्कर लगाने की आवश्यकता
  • पैसे की बचत: अनावश्यक खर्चों में कमी
  • कम परेशानी: सरल प्रक्रिया से परेशानी कम होगी
  • विश्वास में वृद्धि: पारदर्शी प्रक्रिया से सरकार पर विश्वास बढ़ेगा

शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में अंतर

नए नियम शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ अंतर रखते हैं:

शहरी क्षेत्र

  • प्रति खेसरा ₹1000 और अधिकतम ₹4000 मापन शुल्क
  • तत्काल मापन के लिए प्रति खेसरा ₹2000 और अधिकतम ₹8000

ग्रामीण क्षेत्र

  • प्रति खेसरा ₹500 और अधिकतम ₹2000 मापन शुल्क
  • तत्काल मापन के लिए प्रति खेसरा ₹1000 और अधिकतम ₹4000

ऑनलाइन सेवाएं और पोर्टल

नए नियमों के तहत, कई सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाएंगी:

  • ऑनलाइन आवेदन: https://biharbhumi.bihar.gov.in/ पर आवेदन किया जा सकेगा
  • स्टेटस ट्रैकिंग: आवेदन की स्थिति ऑनलाइन देखी जा सकेगी
  • डिजिटल भुगतान: फीस का भुगतान ऑनलाइन किया जा सकेगा
  • दस्तावेज अपलोड: आवश्यक दस्तावेज ऑनलाइन अपलोड किए जा सकेंगे

भविष्य की योजनाएं

सरकार भविष्य में निम्नलिखित कदम उठाने की योजना बना रही है:

  1. ब्लॉकचेन तकनीक: भूमि रिकॉर्ड को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए
  2. AI का उपयोग: विवादों के समाधान में AI का उपयोग
  3. मोबाइल ऐप: सभी सेवाओं के लिए मोबाइल ऐप का विकास
  4. सैटेलाइट मैपिंग: सटीक भूमि मापन के लिए सैटेलाइट तकनीक का उपयोग

नियमों का प्रभाव

नए नियमों का प्रभाव व्यापक होगा:

  • आर्थिक विकास: जमीन लेन-देन में आसानी से निवेश बढ़ेगा
  • सामाजिक सुरक्षा: भूमि विवादों में कमी से सामाजिक तनाव कम होगा
  • प्रशासनिक सुधार: डिजिटलीकरण से प्रशासन में सुधार होगा
  • पर्यावरण संरक्षण: कागजी कार्रवाई में कमी से पर्यावरण को लाभ होगा

Disclaimer

यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। हालांकि इसे अद्यतन जानकारी के आधार पर तैयार किया गया है, नियमों और प्रक्रियाओं में परिवर्तन हो सकता है। किसी भी कानूनी या वित्तीय निर्णय लेने से पहले, कृपया संबंधित सरकारी विभाग या योग्य पेशेवर से परामर्श लें। लेखक या प्रकाशक इस जानकारी के उपयोग से होने वाले किसी भी नुकसान या क्षति के लिए उत्तरदायी नहीं हैं।

Author

  • Manish Kumar is a seasoned journalist and the Senior Editor at Mahavtc.in, with over a decade of experience in uncovering stories that matter. A leader both in the newsroom and beyond, he thrives on guiding his team to deliver impactful, thought-provoking content. When he’s not shaping headlines, you can find him sharing his insights on Twitter @humanish95 or connecting via email at [email protected].

    View all posts

Leave a Comment

Join Whatsapp