बिहार सरकार ने हाल ही में जमीन रजिस्ट्री के नियमों में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इन नए नियमों का मुख्य उद्देश्य जमीन से जुड़े विवादों को कम करना और रजिस्ट्री प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाना है। नए नियमों के तहत, अब केवल वही व्यक्ति जमीन बेच सकता है जिसके नाम पर जमीन दर्ज है। इसका मतलब है कि अगर किसी व्यक्ति के दादा या पिता के नाम पर जमीन है, तो उसे पहले अपने नाम पर जमाबंदी करानी होगी, उसके बाद ही वह उस जमीन को बेच सकता है।
इन नए नियमों से जमीन की खरीद-बिक्री में काफी बदलाव आएगा। अब रजिस्ट्री के समय 15 बिंदुओं वाला एक घोषणापत्र भरना होगा, जिसमें जमीन से जुड़ी कई जानकारियां देनी होंगी। साथ ही, ऑनलाइन वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया गया है और आधार कार्ड का उपयोग भी जरूरी हो गया है। इन बदलावों से जमीन की खरीद-बिक्री में पारदर्शिता बढ़ेगी और फर्जी रजिस्ट्री पर रोक लगेगी।
बिहार जमीन रजिस्ट्री नियम: एक नजर में
विवरण | जानकारी |
नियम का नाम | बिहार जमीन रजिस्ट्री नियम |
लागू होने की तिथि | 24 सितंबर, 2024 |
जारीकर्ता विभाग | राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, बिहार सरकार |
मुख्य उद्देश्य | जमीन विवाद कम करना और पारदर्शिता बढ़ाना |
प्रमुख बदलाव | केवल मालिक ही जमीन बेच सकता है |
अनिवार्य दस्तावेज | आधार कार्ड, 15 बिंदु घोषणापत्र |
रजिस्ट्री प्रक्रिया | ऑनलाइन वेरिफिकेशन अनिवार्य |
स्टांपिंग | इलेक्ट्रॉनिक स्टांपिंग शुरू |
जमीन रजिस्ट्री के नए नियम: क्या बदला है?
बिहार में जमीन रजिस्ट्री के नए नियमों ने कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। आइए जानते हैं इन बदलावों के बारे में:
- केवल मालिक ही जमीन बेच सकता है: अब सिर्फ वही व्यक्ति जमीन बेच सकता है जिसके नाम पर जमीन दर्ज है। पहले की तरह दादा या परदादा के नाम की जमीन को सीधे नहीं बेचा जा सकता।
- 15 बिंदु घोषणापत्र अनिवार्य: रजिस्ट्री के समय विक्रेता और खरीदार दोनों को 15 बिंदुओं वाला एक घोषणापत्र भरना होगा। इसमें जमीन से जुड़ी कई जानकारियां देनी होंगी।
- ऑनलाइन वेरिफिकेशन जरूरी: जमीन के मालिकाना हक की ऑनलाइन जांच अनिवार्य कर दी गई है। इससे फर्जी रजिस्ट्री पर रोक लगेगी।
- इलेक्ट्रॉनिक स्टांपिंग: अब स्टांप पेपर की जगह इलेक्ट्रॉनिक स्टांपिंग का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे प्रक्रिया आसान होगी।
- आधार कार्ड अनिवार्य: रजिस्ट्री के लिए आधार कार्ड देना जरूरी हो गया है। इससे पहचान की पुष्टि होगी।
आधार कार्ड का उपयोग: क्यों है जरूरी?
नए नियमों के तहत जमीन रजिस्ट्री के लिए आधार कार्ड का उपयोग अनिवार्य कर दिया गया है। इसका उद्देश्य है:
- रजिस्ट्री कराने वाले व्यक्ति की पहचान सुनिश्चित करना
- फर्जी दस्तावेजों पर रोक लगाना
- रजिस्ट्री प्रक्रिया को डिजिटल बनाना
- भविष्य में ऑनलाइन रजिस्ट्री की सुविधा देना
आधार कार्ड के उपयोग से रजिस्ट्री प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी और विवाद कम होंगे।
नए नियमों का प्रभाव: क्या बदलेगा?
बिहार जमीन रजिस्ट्री के नए नियमों का व्यापक प्रभाव पड़ेगा:
- जमीन विवाद कम होंगे
- फर्जी रजिस्ट्री पर रोक लगेगी
- रजिस्ट्री प्रक्रिया पारदर्शी होगी
- ऑनलाइन प्रक्रिया से समय बचेगा
- डिजिटल रिकॉर्ड से भविष्य में सुविधा होगी
- स्टांप पेपर की खरीद में होने वाली परेशानी दूर होगी
- आधार कार्ड से पहचान की पुष्टि होगी
हालांकि शुरुआत में लोगों को नई प्रक्रिया समझने में थोड़ी दिक्कत हो सकती है।
नए नियमों के लाभ: क्या फायदे होंगे?
बिहार जमीन रजिस्ट्री के नए नियमों से कई लाभ होंगे:
- पारदर्शिता बढ़ेगी: ऑनलाइन वेरिफिकेशन और आधार कार्ड के उपयोग से प्रक्रिया पारदर्शी होगी।
- विवाद कम होंगे: केवल मालिक द्वारा जमीन बेचने के नियम से विवाद कम होंगे।
- फर्जी रजिस्ट्री रुकेगी: ऑनलाइन जांच से फर्जी दस्तावेजों पर रोक लगेगी।
- समय बचेगा: इलेक्ट्रॉनिक स्टांपिंग और ऑनलाइन प्रक्रिया से समय बचेगा।
- रिकॉर्ड सुरक्षित रहेंगे: डिजिटल रिकॉर्ड से भविष्य में आसानी होगी।
- भ्रष्टाचार कम होगा: ऑनलाइन प्रक्रिया से भ्रष्टाचार के मौके कम होंगे।
- राजस्व बढ़ेगा: पारदर्शी प्रक्रिया से सरकार का राजस्व बढ़ेगा।
रजिस्ट्री प्रक्रिया: अब क्या करना होगा?
नए नियमों के तहत जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया इस प्रकार होगी:
- दस्तावेज तैयार करना:
- बिक्री पत्र
- पहचान प्रमाण (आधार कार्ड, पैन कार्ड)
- पता प्रमाण (बिजली बिल, किराए का अनुबंध)
- संपत्ति के दस्तावेज (पिछले बिक्री पत्र)
- आवेदन जमा करना: सभी दस्तावेजों के साथ रजिस्ट्रार कार्यालय में आवेदन जमा करें।
- शुल्क का भुगतान: निर्धारित शुल्क का भुगतान करें।
- ऑनलाइन वेरिफिकेशन: जमीन के रिकॉर्ड की ऑनलाइन जांच की जाएगी।
- 15 बिंदु घोषणापत्र: विक्रेता और खरीदार को 15 बिंदुओं वाला घोषणापत्र भरना होगा।
- इलेक्ट्रॉनिक स्टांपिंग: दस्तावेजों पर इलेक्ट्रॉनिक स्टांप लगाया जाएगा।
- रजिस्ट्रार के समक्ष उपस्थिति: विक्रेता और खरीदार को रजिस्ट्रार के सामने उपस्थित होना होगा।
- बायोमेट्रिक सत्यापन: आधार कार्ड से बायोमेट्रिक सत्यापन किया जाएगा।
- दस्तावेजों पर हस्ताक्षर: सभी संबंधित पक्षों को दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने होंगे।
- रजिस्ट्री प्रमाणपत्र: प्रक्रिया पूरी होने पर रजिस्ट्री प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा।
जरूरी दस्तावेज: क्या-क्या चाहिए?
नए नियमों के तहत जमीन रजिस्ट्री के लिए निम्नलिखित दस्तावेज जरूरी हैं:
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- जमाबंदी या होल्डिंग का प्रमाण पत्र
- फोटो पहचान पत्र
- पता प्रमाण
- जमीन से संबंधित पिछले सभी दस्तावेज
- नवीनतम खतियान की प्रति
- जमीन का नक्शा
- भूमि कर रसीद
- 15 बिंदु घोषणापत्र
बेनामी संपत्ति पर रोक: कैसे होगा असर?
नए नियमों से बेनामी संपत्ति पर रोक लगाने में मदद मिलेगी। इसका असर इस प्रकार होगा:
- पहचान की पुष्टि: आधार कार्ड से खरीदार और विक्रेता की पहचान की पुष्टि होगी।
- ऑनलाइन वेरिफिकेशन: जमीन के रिकॉर्ड की ऑनलाइन जांच से फर्जी दस्तावेजों का पता चल जाएगा।
- 15 बिंदु घोषणापत्र: इस घोषणापत्र में दी गई जानकारी से बेनामी संपत्ति का पता लगाना आसान होगा।
- डिजिटल रिकॉर्ड: सभी लेनदेन का डिजिटल रिकॉर्ड रखा जाएगा, जिससे जांच में आसानी होगी।
- बायोमेट्रिक सत्यापन: इससे फर्जी व्यक्तियों द्वारा रजिस्ट्री कराने पर रोक लगेगी।
अस्वीकृति: यह लेख बिहार में जमीन रजिस्ट्री के नए नियमों के बारे में जानकारी प्रदान करता है। हालांकि, सभी जानकारी सही और अद्यतन हो सकती है, लेकिन इसे आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करना आवश्यक है। कृपया किसी भी निर्णय लेने से पहले संबंधित अधिकारियों या विशेषज्ञों से सलाह लें।