Sahara Refund News: सहारा इंडिया एक बड़ा वित्तीय समूह था जिसने लाखों लोगों से छोटी बचत योजनाओं के जरिए पैसे जमा किए। लेकिन पिछले कई सालों से सहारा अपने निवेशकों को उनका पैसा वापस नहीं कर पा रहा है। इससे लाखों लोग परेशान हैं और अपने पैसे के लिए भटक रहे हैं। हाल ही में सरकार ने सहारा के निवेशकों को राहत देने के लिए कुछ कदम उठाए हैं। आइए जानते हैं कि सहारा ने कैसे लोगों को परेशान किया और अब क्या हो रहा है।
सहारा समूह ने 1978 में अपना कारोबार शुरू किया था। धीरे-धीरे इसने कई तरह की वित्तीय सेवाएं शुरू कीं जिसमें छोटी बचत योजनाएं भी शामिल थीं। ग्रामीण और छोटे शहरों में सहारा की अच्छी पहुंच थी। लोगों ने सहारा की योजनाओं में भरोसा करके अपनी गाढ़ी कमाई जमा की। लेकिन 2010 के बाद से सहारा पर नियामक एजेंसियों की नजर पड़ी और उसकी मुश्किलें शुरू हो गईं।
सहारा समूह का इतिहास और विवाद
सहारा समूह की शुरुआत सुब्रत रॉय ने 1978 में की थी। शुरू में यह एक छोटी कंपनी थी लेकिन धीरे-धीरे इसने बड़ा विस्तार किया। सहारा ने रियल एस्टेट, मीडिया, स्पोर्ट्स, हॉस्पिटैलिटी जैसे कई क्षेत्रों में कारोबार किया। लेकिन इसकी सबसे बड़ी ताकत थी पैरा-बैंकिंग यानी छोटी बचत योजनाएं।
सहारा की कुछ प्रमुख योजनाएं थीं:
- सहारा क्यू शॉप
- सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी
- सहारा टाइम शेयर
- सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन
इन योजनाओं के जरिए सहारा ने लाखों लोगों से पैसे जमा किए। लेकिन 2010 के बाद से सेबी और RBI ने सहारा की इन योजनाओं पर सवाल उठाने शुरू किए। 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने सहारा को निवेशकों के पैसे लौटाने का आदेश दिया। इसके बाद से सहारा की मुश्किलें बढ़ती गईं।
सहारा रिफंड की वर्तमान स्थिति
विवरण | जानकारी |
कुल निवेशक | लगभग 3 करोड़ |
कुल जमा राशि | 25,000 करोड़ रुपये (अनुमानित) |
अब तक लौटाई गई राशि | 370 करोड़ रुपये |
लाभार्थी निवेशक | 4.29 लाख |
रिफंड की अधिकतम सीमा | 50,000 रुपये |
रिफंड पोर्टल | CRCS-Sahara Refund Portal |
पोर्टल लॉन्च की तारीख | 18 जुलाई 2023 |
सहारा ने कैसे लोगों को परेशान किया
सहारा ने निम्न तरीकों से लोगों को परेशान किया:
- जमा राशि न लौटाना: सहारा ने लाखों निवेशकों की मेच्योरिटी राशि समय पर नहीं लौटाई।
- गुमराह करना: कई निवेशकों को यह बताया गया कि उनका पैसा सुरक्षित है और जल्द मिल जाएगा।
- दस्तावेज न देना: कई निवेशकों को उनके निवेश के सही दस्तावेज नहीं दिए गए।
- कानूनी पेंच: सहारा ने कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया और केस को लंबा खींचा।
- संपत्तियां न बेचना: सहारा ने अपनी संपत्तियां बेचकर निवेशकों को पैसे लौटाने में देरी की।
सहारा कंपनी पैसे क्यों नहीं लौटा रही
सहारा कंपनी निम्न कारणों से पैसे नहीं लौटा पा रही है:
- आर्थिक संकट: सहारा समूह गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। उसके पास पर्याप्त नकदी नहीं है।
- संपत्तियों का कम मूल्यांकन: सहारा की कई संपत्तियों का मूल्य उम्मीद से कम निकला है।
- कानूनी पेंच: सहारा कई कानूनी मामलों में उलझा हुआ है जिससे पैसे लौटाने में देरी हो रही है।
- प्रबंधन की समस्याएं: सुब्रत रॉय की गिरफ्तारी के बाद कंपनी के प्रबंधन में समस्याएं आईं।
- रिकॉर्ड्स की कमी: कई निवेशकों के सही रिकॉर्ड्स नहीं हैं जिससे भुगतान में दिक्कत आ रही है।
सरकार द्वारा उठाए गए कदम
सरकार ने सहारा के निवेशकों को राहत देने के लिए निम्न कदम उठाए हैं:
- CRCS-Sahara रिफंड पोर्टल लॉन्च किया गया
- रिफंड की अधिकतम सीमा 10,000 से बढ़ाकर 50,000 रुपये की गई
- सेबी-सहारा रिफंड खाते से 5000 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए
- सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में रिफंड प्रक्रिया जारी है
- सहारा की संपत्तियां बेचकर पैसे लौटाने की प्रक्रिया चल रही है
निवेशकों के लिए रिफंड प्रक्रिया
निवेशक निम्न तरीके से रिफंड के लिए आवेदन कर सकते हैं:
- CRCS-Sahara रिफंड पोर्टल पर जाएं
- नया रजिस्ट्रेशन करें
- आधार नंबर और मोबाइल नंबर से OTP वेरिफिकेशन करें
- जरूरी दस्तावेज अपलोड करें
- बैंक खाता विवरण भरें
- फॉर्म जमा करें और रिफंड का इंतजार करें
रिफंड के लिए जरूरी दस्तावेज
- सहारा की मूल पासबुक या सर्टिफिकेट
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड (50,000 रुपये से ज्यादा राशि के लिए)
- बैंक पासबुक या कैंसल चेक
- पासपोर्ट साइज फोटो
सहारा रिफंड से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य
- अब तक 4.29 लाख निवेशकों को 370 करोड़ रुपये लौटाए गए हैं
- रिफंड की अधिकतम सीमा 50,000 रुपये है
- सुप्रीम कोर्ट के जज आर सुभाष रेड्डी रिफंड प्रक्रिया की निगरानी कर रहे हैं
- सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय का 14 नवंबर 2023 को निधन हो गया
- सहारा की कुछ कंपनियों के खिलाफ SFIO जांच जारी है
निवेशकों के लिए सुझाव
- जल्द से जल्द CRCS-Sahara पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करें
- सभी जरूरी दस्तावेज तैयार रखें
- किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें
- सरकारी सूचनाओं पर ही भरोसा करें
- धैर्य रखें, रिफंड प्रक्रिया समय ले सकती है
निष्कर्ष
सहारा रिफंड एक जटिल मामला है जिसमें लाखों निवेशक प्रभावित हुए हैं। सरकार और न्यायपालिका की कोशिशों से अब धीरे-धीरे निवेशकों को राहत मिल रही है। लेकिन अभी भी कई चुनौतियां हैं। उम्मीद है कि आने वाले समय में और तेजी से निवेशकों को उनका पैसा वापस मिल सकेगा। निवेशकों को धैर्य रखना चाहिए और सरकारी प्रक्रिया का पालन करना चाहिए।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है। सहारा रिफंड एक जटिल मामला है जिसमें कानूनी और वित्तीय पेचीदगियां हैं। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे केवल आधिकारिक सरकारी स्रोतों और CRCS-Sahara रिफंड पोर्टल से जानकारी प्राप्त करें। किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले विशेषज्ञों की सलाह लें। लेखक या वेबसाइट किसी भी नुकसान या परेशानी के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।
Milne lage sahara ke paise mere mile hai
Mera to form hi reject kar diya gya hai
Mera kyu nhi mil Raha hai bhai